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सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

वो कौन थी ?

Wo Kaun Thi in Hindi

आज मैं आप सभी को कुछ ऐसी बातें बताना चाहती हूँ, जिसको हमारा मन कभी मनाने को तैयार नहीं होता है। मैं अपनी बीते दिनों की इससे संबंधित कुछ अविस्मृत यादें शेयर करना चाहती हूँ। आखिर यह शरीर क्या है, जो चलता -फिरता है और जब मृत्यु आती है, तो ऐसा क्या शरीर से निकल जाता है, जिससे ये शरीर निर्जीव हो जाता है। मैं हमेशा ऐसे न जाने कितने  सवाल अपनी माँ से किया करती थी।  माँ जो कि कम पढ़ी -लिखी थी, उनके पास न जाने कौन सी लाइब्रेरी की डिक्शनरी  होती थी ,  मेरे सभी सवालों के जवाब  उनके जुबान पर रखे रहते थे। एक  दिन मैंने माँ से पूछ ही लिया ," माँ क्या भूत  होते हैं ?  सहेलियां हमेशा भूतों की कहानियां सुनाती  रहती थी और कहती रहती थीं ,यहाँ मत  जाओ, वहाँ मत जाओ।" 

मेरी माँ ने गहरी साँस ली और मुस्कुराई और कहा,"भूत नहीं होता।  मगर आत्माएं होती है ,जो कुछ जगहों पर   हमेशा से रहती हैं ।" उस समय मुझे मेरी माँ की बातें बचकानी लगी, मुझे लगा कि वो बस ऐसे ही कह रही हैं। पर जब मुझे इसका वास्तविक अनुभव हुआ तो मेरा मन सिहर उठा। 

रविवार, 21 फ़रवरी 2016

छोटी आशाएँ

Chhoti Aashayen in Hindi


सुख और दुःख जीवन के महत्वपूर्ण पहलू है। जब बच्चा  जन्म लेता  है , तो  माँ  को न जाने कितने कष्टों का सामना करना पड़ता है और उसके आँख खोलते ही सारे दुःख ख़ुशी में परिवर्तित हो जाते है। संसार में  जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति इस सुख -दुःख के चक्कर से बच नहीं सका है। जब कभी हम दुखी होते हैं , तो हम बहुत अधिक निराश हो जातें हैं। हमें लगता है कि ये समय कब बीतेगा ,कैसे बीतेगा। 

और जब हम खुशियों के दिनों को एन्जॉय करते है तो हम अपने उन दिनों का स्मरण भी नहीं करना चाहते है। मगर ये सुख -दुःख हमारे जीवन की परछाईयाँ है, जिनसे हम कभी भाग नहीं सकते और जब हम जीवन में आये मुश्किलो से घिर जाते है तो तभी हमें अपने और परायों की परख होती है। क्योकि जो लोग हमारे अच्छे दिनों के  साथी होते है उनमें से  ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं , जो परेशानियों में  हमसे  सारे रिश्ते-नाते तोड़ लेते हैं। 

शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

प्यार के रंग

Pyar Ke Rang


प्यार के कई रंग  होते हैं।  हमारे आसपास अलग -अलग व्यवहार के लोग  रहते है, जिनका स्वभाव एक दूसरे से भिन्न होता है। हम सभी की पसंद और सोच-विचार में भी अंतर होता है। जीवन के  उम्र के दौरान एक ऐसा भी  पड़ाव आता है , हम किसी के प्रति आकर्षित होते हैं, वह व्यक्ति हमें अच्छा लगने लगता है।  इसी आकर्षण को हम  सभी प्यार  मान बैठते हैं।  मगर प्यार क्या है ? किसी का चेहरा ,कद-काठी ,रूप-रँग या फिर सादगी। सभी एक बार इस प्यार का एहसास करना चाहते हैं। प्यार अगर सच्चा हो तो, दुनियाँ  बदल देता है और यदि इसी प्यार में झूठ का पर्दा हो, तो यह  हमारी दुनिआ भी बर्बाद कर देता है।

कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपने इस आकर्षण को प्यार समझ लेते हैं। जब किसी के प्रति हमारे अंदर आकर्षण की भावना आये , तो हमें उस व्यक्ति की  भावनाओं को भी समझना चाहिए , क्योंकि प्यार कभी एक तरफ से नहीं हो सकता और न ही प्यार जोर-ज़बरदस्ती से  हासिल किया जा सकता है।