आज मैं आप सभी को कुछ ऐसी बातें बताना चाहती हूँ, जिसको हमारा मन कभी मनाने को तैयार नहीं होता है। मैं अपनी बीते दिनों की इससे संबंधित कुछ अविस्मृत यादें शेयर करना चाहती हूँ। आखिर यह शरीर क्या है, जो चलता -फिरता है और जब मृत्यु आती है, तो ऐसा क्या शरीर से निकल जाता है, जिससे ये शरीर निर्जीव हो जाता है। मैं हमेशा ऐसे न जाने कितने सवाल अपनी माँ से किया करती थी। माँ जो कि कम पढ़ी -लिखी थी, उनके पास न जाने कौन सी लाइब्रेरी की डिक्शनरी होती थी , मेरे सभी सवालों के जवाब उनके जुबान पर रखे रहते थे। एक दिन मैंने माँ से पूछ ही लिया ," माँ क्या भूत होते हैं ? सहेलियां हमेशा भूतों की कहानियां सुनाती रहती थी और कहती रहती थीं ,यहाँ मत जाओ, वहाँ मत जाओ।"
मेरी माँ ने गहरी साँस ली और मुस्कुराई और कहा,"भूत नहीं होता। मगर आत्माएं होती है ,जो कुछ जगहों पर हमेशा से रहती हैं ।" उस समय मुझे मेरी माँ की बातें बचकानी लगी, मुझे लगा कि वो बस ऐसे ही कह रही हैं। पर जब मुझे इसका वास्तविक अनुभव हुआ तो मेरा मन सिहर उठा।