"माँ" एक ऐसा शब्द है,जो बच्चे के मुख से निकलने वाला पहला शब्द होता है। उसके लिए अपनत्व का पहला अहसास, जिसके पास वो जीवन को सुरक्षित समझता है। इस रिश्ते के अनुभव से बच्चा प्यार जैसी भावना का अहसास करता है। और माँ की बच्चे के प्रति निस्वार्थ प्रेम की अनुभूति हमें यही शिक्षा देती है कि जब हम किसी को दुनिया में लाने की वजह होते है तो उसके प्रति हमारी जिम्मेदारियाँ और ज्यादा बढ़ जाती हैं। कौन सा ऐसा शख्स होगा जो अपनी माँ को प्यार नहीं करता होगा ?
मैंने माँ पर पहले एक स्टोरी आप सभी के साथ शेयर की थी, जो माँ के रिश्ते का एक कड़वा अनुभव थी। पर हर माँ ऐसी नहीं होती है। माँ का प्यार एक ऐसे फूल के समान होता है, जो जहाँ भी खिला होता है, वहाँ का वातावरण शुद्ध व सुगंधमयी कर देता है । कभी कभी जीवन की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हमें अपने परिवार की खुशियों के लिए, उनको अच्छा जीवन देने के लिए अपने माता -पिता से दूर हमें अपने परिवार को साथ लेकर रहना मज़बूरी बन जाती है। पर हमें अपने माता पिता के प्रति अपने कर्तव्यों को हमेशा याद रखना चाहिए।