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गुरुवार, 21 जुलाई 2016

अधूरे सपने

Adhoore Sapne in Hindi

सपने कौन नहीं देखता  ? हर शख्स के आँखों में एक सपना होता है - कुछ कर दिखाने का। बहुत से ऐसे Lucky Person होंगे, जिनके ऊपर अपने माता-पिता व ईश्वर का आशीर्वाद होता है और जो  अपने सपने को पूरा कर पाते  हैं। कुछ लोग  जीवन में परेशानियों का सामना करते -करते, उनके सपने उनकी खुद की नजर से धुंधले हो जाते हैं। उनके कन्धों पर जिम्मेदारियों का इतना बोझ होता है कि बस उसे निभाने में दिन रात लगे रहते हैं,  अपना सपना पूरा करने की  उनकी बारी आ ही नहीं पाती। ऐसे भी लोग होते हैं, जो सपना देखने से डरते हैं कि वो ना जाने पूरे हो सकेंगे या फिर नहीं। पर क्या हमें सपना देखना छोड़ देना चाहिए ?

हम मन में अपने कैरियर बनाने का सपना लिए बड़े होते हैं और जब निराशा हाथ लगती है तो मन बहुत परेशान हो जाता है। कैरियर बनाने का सपना सच करने के लिए न सिर्फ कठिन परिश्रम बल्कि अच्छी सूझ -बुझ का होना भी बहुत  अनिवार्य है। आगे एक Story पढ़िए, जो इसी तथ्य को दर्शाती  है । 

रविवार, 17 जुलाई 2016

मेरी रसोई से-2

ॐ नमः शिवाय


अब सावन का महीना आ गया है। इस माह में हम भोले नाथ की पूजा अर्चना करते हैं। भगवान शिव को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है। सावन के  महीने में जो भी  उनकी पूजा अर्चना करता है, उसकी सारी मनोकामनायें पूर्ण हो जाती हैं। भगवान भोले नाथ  सिर्फ एक बूंद  जल से प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी महिमा  अपार है। इस महीने पूजा और व्रत हम सभी करते हैं तो क्यों ना आज कुछ व्रत के व्यंजनों  की बात जाय --

शनिवार, 9 जुलाई 2016

अवधारणा

Avdharna in Hindi

 जब भी किसी परिवार में लड़की का जन्म होता है, तो  परिवार के सभी सदस्य उदास हो जाते हैं। उनके चेहरे ऐसे उतरे होते हैं, जैसे कि रुपयों से भरा बैग किसी ने उनसे छीन लिया हो। और इसके विपरीत यदि घर में बेटे का जन्म होता है, तो  इस बात की खुशी सभी के चेहरे पर झलकती है। सब खुश हो जाते हैं। कैसा अन्याय है ये ! कैसी सोच है ये ! एक ही गर्भ से जन्म  लिए हुए एक माता के दो संतान के प्रति लोगो के विचार इतने अलग कैसे हो सकते हैं ?

बेटियाँ ,एक ऐसा अमूल्य वरदान होती हैं, जो हमें अच्छे कर्म करने के फलस्वरूप प्राप्त होती हैं। सभी को ईश्वर इतनी जिम्मेदारी के काबिल नहीं समझता और जो उनके योग्य होते हैं, उनको ही ये वरदान प्राप्त होते हैं। बेटियां बचपन से ही माँ -बाप का सहारा बन कर रहती हैं और अपने गुण और माता - पिता से प्राप्त संस्कारों को लेकर अपने ससुराल जातीं हैं और  वहाँ के परिवार को भी  सहेजती ,संभालती हैं।