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सोमवार, 8 अगस्त 2016

पहला प्यार

Pehla Pyar in Hindi

क्या होता है प्यार ? इसकी  एक अद्धभुत छवि हमारे मन-मस्तिष्क में हमेशा विद्यमान रहती है और जब 'प्यार' लब्ज़ हमारे कानों में पड़ता है तो  हमारी इन्द्रियाँ भावुक हो जाती हैं, हमारा हृदय कोमल हो जाता है और बात  जब पहले प्यार की हो तब  ?  पहले प्यार के अहसास से शायद ही कोई शख्स अछूता होगा। इस पहले प्यार की  भावना ने सभी के दिल में कभी ना कभी दस्तक जरूर दी होगी। पहले प्यार की बात आते ही हम अपने अतीत को खंगालने में लग जाते हैं। इसकी स्मृतियाँ ना जाने कितने समय तक हमें घेरे रहती हैं। हमारे ह्रदय को कभी ना कभी इस पहले प्यार के अहसास ने जरूर छुआ होगा, जो हमारे अविस्मृत पल हैं , जिनको शायद भूला पाना  हमारे वश में नहीं है।  अगर ये पल  अच्छे होते हैं तो हमारे मन को सुकून पहुँचाते हैं और होठों को एक मुस्कुराहट दे जाते है। यदि बुरे अनुभव से हमारा वास्ता हुआ है, तो ये हमारे मन -मस्तिष्क  को कष्ट भी पहुँचा जाते हैं।

पर ये पहला प्यार आखिर में होता क्या है ? क्या दिल में किसी के प्रति  उठने वाली भावना को प्यार कहते हैं या फिर आकर्षण को ? क्या प्यार को उम्र के बंधन में बांधा जा सकता है ? नहीं ना। 

मंगलवार, 2 अगस्त 2016

पत्थर दिल

Pathar Dil in Hindi

हम सभी ने ये बात सुनी होगी कि एक पुरुष की कामयाबी के पीछे एक महिला का हाथ होता है। वो महिला उसकी माँ ,बहन ,पत्नी ,दोस्त या फिर टीचर हो सकती है। पर क्या आपने कभी ये कभी सुना है कि किसी महिला की कामयाबी के पीछे किसी पुरुष का हाथ है ? नहीं ना ! मैंने भी नहीं सुना है। यहाँ तक कि  ये बात किसी मैग्जीन या न्यूजपेपर में भी नहीं पढ़ी। जब एक महिला  सफल होती  है तो उसका पूरा श्रेय हम उसी महिला की मेहनत ,लगन व प्रतिभा को  देते हैं। उसकी सफलता के पीछे किसी पुरुष का हाथ हो सकता है, ऐसी बात हमारे दिलों -दिमाग में कोने - कोने तक कही आती ही नहीं है। ना ही हम सभी ये जानना चाहते हैं।

जबकि बचपन से एक शक्ति हम सभी महिलाओं का साथ निभाते चली आई है। उसके  भी कई रूप है- पिता ,भाई ,दोस्त या फिर पति। ये शक्तियाँ निरन्तर सुरक्षा की दीवार बनकर सदा हमारा साथ निभाती आई हैं। हर पल हमारा ख्याल रखती हैं, चाहे कैसी भी मुश्किल क्यों ना हो ? पहले उसे इस मजबूत दीवार से टकराना होता है, उसके बाद ही वह हमारे तक आ सकती हैं। 

गुरुवार, 28 जुलाई 2016

लकीरें किस्मत की

Lakeeren Kismat Ki in Hindi


आज,  क्यों ना हम सभी अपने हाथों में खींची हुई लकीरों की बात करें।  हमारे हाथों में जन्म से न जाने कितनी छोटी -बड़ी, टेढ़ी-सीधी रेखाएँ होती हैं और जैसे -जैसे हम बड़े होते जाते हैं,  इन रेखाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होती चली जाती है। आखिर ये रेखाएँ हमारे हाथ में क्यों होती हैं  ? क्या इनका हमारे जीवन से सचमुच कोई संबंध होता है ? बहुत ही विचारणीय प्रश्न है ये। इन रेखाओं के द्वारा क्या हमारा भाग्य निर्धारित होता है ? क्या ये हमारे किस्मत का फैसला करतीं हैं ?   हम सभी के मन में  हाथ की इन रेखाओं से जुड़े ना जाने कैसे -कैसे प्रश्न होते  हैं  ? पर आज -तक हमें इसका कोई उत्तर नहीं मिल सका है। 

अपने हाथ की रेखा को जानने, समझने तथा इससे जुड़ी अपने किस्मत को जानने के लिए हम ना जाने कितने ज्योतिषियों -पंडितों की जेब को गर्म करते हैं और वो हमें तरह-तरह के उपायों को बता कर हमारी  मुश्किलों को और ज्यादा बढ़ाते हैं। ना जाने कितने पूजा-पाठ, मंत्र-तंत्र ,व्रत-अनुष्ठान हमसे करवाते हैं। पर क्या इन कार्यों को करने से हमें उचित समाधान मिल जाता है ? क्या इससे हमारे हाथ की लकीरें विपरीत दिशा में बदल कर  हमें सौभाग्यशाली बना देंगी ? हमारी  सभी परेशानियों को दूर कर देंगी ?