क्या होता है प्यार ? इसकी एक अद्धभुत छवि हमारे मन-मस्तिष्क में हमेशा विद्यमान रहती है और जब 'प्यार' लब्ज़ हमारे कानों में पड़ता है तो हमारी इन्द्रियाँ भावुक हो जाती हैं, हमारा हृदय कोमल हो जाता है और बात जब पहले प्यार की हो तब ? पहले प्यार के अहसास से शायद ही कोई शख्स अछूता होगा। इस पहले प्यार की भावना ने सभी के दिल में कभी ना कभी दस्तक जरूर दी होगी। पहले प्यार की बात आते ही हम अपने अतीत को खंगालने में लग जाते हैं। इसकी स्मृतियाँ ना जाने कितने समय तक हमें घेरे रहती हैं। हमारे ह्रदय को कभी ना कभी इस पहले प्यार के अहसास ने जरूर छुआ होगा, जो हमारे अविस्मृत पल हैं , जिनको शायद भूला पाना हमारे वश में नहीं है। अगर ये पल अच्छे होते हैं तो हमारे मन को सुकून पहुँचाते हैं और होठों को एक मुस्कुराहट दे जाते है। यदि बुरे अनुभव से हमारा वास्ता हुआ है, तो ये हमारे मन -मस्तिष्क को कष्ट भी पहुँचा जाते हैं।
पर ये पहला प्यार आखिर में होता क्या है ? क्या दिल में किसी के प्रति उठने वाली भावना को प्यार कहते हैं या फिर आकर्षण को ? क्या प्यार को उम्र के बंधन में बांधा जा सकता है ? नहीं ना।