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गुरुवार, 6 मई 2021

कोरोना को हराना, हमनें है ठाना

 

कोरोना को हराना, हमनें है ठाना


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यह समय सभी के लिए कितना मुश्किलों भरा है, कोरोना जैसी महामारी के कारण किसी को पैसे की परेशानी है तो किसी को स्वास्थ्य की और कोई अपने परिवार के पास जाने के लिए दिन-रात मौत से लड़ाई करने को तैयार हैं तो कोई अपनों से दूर कहीं बेहद अकेला गुमसुम उदास  बैठने को मजबूर है। इस कोरोना ने सभी को दुःखी किया-क्या बच्चे, क्या बड़े और  क्या बुजुर्ग ?


पर अब समस्या आ गई है तो हम उसके सामने घुटने तो नहीं टेक सकते । हमारी लड़ाई उस न दिखने वाले दुश्मन से है और हम सब मिलकर उसे हराने की कोशिश करेंगे और हार नहीं मानेंगे। पर  ऐसा  हम कैसे कर सकते हैं ? ऐसा दुश्मन जो दिखता नहीं, जिसके हाथ नहीं, शरीर  नहीं, जिसे मार नहीं  सकते ।


तो दोस्तों ! इस दुश्मन को हम खुश रहकर, अपना  ख्याल रखकर, अपने आप  से प्यार करके, अपनी पुरानी संस्कृति का पालन कर, थोड़ी खुशियाँ बाँटकर इसे मुँह की खाने पर  मजबूर कर सकते  हैं।


आज मैं आप सभी से कुछ छोटी-छोटी सावधानियाँ और कुछ अनूठे प्रयोग रख रही हूँ , जिसे हम रोजमर्रा की जिन्दगी में शामिल कर लें तो इस दुश्मन से लड़ने के लिए एक योद्धा की तरह तैयार हो सकते हैं। 



रविवार, 25 अप्रैल 2021

नव-सृजन

 

NAV-SRIJAN IN HINDI

जब कोई हमें दर्द देता है, आहत करता है तो हमें ऐसा लगता है कि हमारे दिल में गाँठ सी बन गई है और गाँठ दिन-प्रतिदिन और भी मजबूत होती जाती है। यदि हम उसे नहीं खोलते हैं, उसे यूँ ही बना रहने देते है तो परेशानी बढ़ जाती है। यदि हम उस व्यक्ति को माफ कर दें तो हमें लगता है कि जैसे भूमि पर नये पुष्पों का सृजन हुआ और उन पुष्पों की कोमलता व सुन्दरता हमारे दिमाग व दिल को ठंडक पहुँचा रही हो। हम अपने भीतर एक नये ‘स्व’ का सृजन होते हुए पाते हैं, जो कुछ नया सोचता है, कुछ नया कर दिखाने की चाह रखता है, जो हमें दोबारा नयी उम्मीद देता है-खुद को महसूस करने की। 


यदि किसी की कही बात आपके मन को दुःख पहुँचा रही है और आपको लगता है कि वो आपका भला नहीं चाहता है, आपका शत्रु है तो ऐसी भावना आपके मन को विष से भरने का कार्य करती है, जो सिर्फ एक ही कार्य से ठीक हो सकती है कि उस इन्सान को माफ कर दिया जाये, जिसने आपको दुःख पहुँचाया है- पर पूरे हृदय से और पहचान करिये उन शक्तियों को जो ईश्वर ने जन्म के बाद निरन्तर  आपको प्रदान की है।

शनिवार, 10 अप्रैल 2021

मेरी रसोई से-4

 जय माता दी ! 

आप सभी जानते हैं कि नवरात्री शुरु होने वाली है और हम सभी व्रत करते ही हैं पर वही पुराने नाश्ते व खाने से, जो प्रायः हम व्रत-त्यौहारों में बनाते हैं, हम खा-खा कर बोर हो जाते हैं। तो आज मैं आप सभी के लिए लेकर आयी हूँ बिल्कुल नया व चटपटा फलाहारी नाश्ता, जिसे आप खाकर इतना पसन्द करेंगे कि रोज ही बनाना चाहेंगे। तो आइए शुरु करते हैं, और अगर आपको पसन्द आए तो आप अपना  फीडबैक जरुर दें।


फलाहारी डोसा

सामग्री-

1. डोसा बनाने के लिए

1 कप समा चावल

1/4  कप साबूदाना मीडियम साईज




2. फिलिंग के लिए

2 उबले आलू मैस किये हुए

सेंधा नमक स्वादानुसार

जीरा 1 चम्मच

हरा धनिया बारीक कटा-1 चम्मच

धनिया पाउडर- 1/2  चम्मच

काली मिर्च- 1/4  चम्मच

हरी मिर्च बारीक कटी हुई- 1/4  चम्मच

ड्राई फ्रूट बारीक कटे हुए


विधि- 

1. डोसा बनाने के लिए- समा के चावल व साबूदाने को मिक्सी में ग्राइंड कर के एक दम बारीक कर लें, फिर उसे एक बाउल में निकाल लें और थोड़ा गुनगुना पानी डाल कर 20 मिनट छोड़ दें।


2. फिलिंग के लिए- एक कड़ाही गर्म कर उसमें आवश्यकतानुसार तेल डालें। फिर जीरा व हरी मिर्च को फ्राई करें। बाद में मैस किए हुए आलू को डालकर भूने और सारे बचे मसाले व नमक डालकर अच्छे से फ्राई करें। आखिर में ड्राई फ्रूट्स व हरी धनिया डालें।


अब डोसा बैटर में स्वादानुसार नमक डाल दें और डोसा बैटर थोड़ा गाढ़ा होने पर गुनगुना पानी मिला कर बैटर को पतला कर लें। तवा गर्म हो जाने पर, तवे पर तेल लगा कर, तेल को तवे पर एक समान फैलाएँ। डोसा बैटर को एक चम्मच से डाल कर तवे पर पतला  फैलाएँ और  थोड़ा लाल हो जाने पर आलू मिक्चर को ऊपर से डालें व डोसे को रौल करें एवं लाल कुरकुरा होने तक सेकें।


लीजिए तैयार  हो गया आपका फलाहारी डोसा। इसे नारियल की चटनी के साथ सर्व करें और नवरात्री पर्व का आनन्द उठाएँ।


रविवार, 4 अप्रैल 2021

मूल्य जिंदगी का !

MOOLYA JINDAGI KA STORY IN HINDI


 सौम्या सुबह-सुबह बहुत ही परेशान थी। उसने न ठीक से नाश्ता किया और ना ही किसी काम में उसका मन लग रहा था। वह कभी इधर तो कभी उधर टहल रही थी। उसकी मनोदशा देखकर कोई भी जान सकता था कि वह बहुत परेशान है। पर क्या था उसकी परेशानी का कारण ? उसे यूँ परेशान उसकी माँ हमेशा ही देखती थी, क्योंकि छोटी-छोटी बातों पर परेशान होना उसका स्वभाव ही बन गया था। पर इस बार उसकी दादी माँ गाँव से उसके घर उसके पास रहने आई थी। 


दादी से सौम्या की परेशानी देखी न गई और उन्होंने सौम्या को अपने पास बुलाया और अपनी गोद में सौम्या का सर  रखा। सौम्या ने अपनी परेशानी दादी से कह दी।  उसने बताया कि उसने दसवीं व बारहवीं कक्षा तो बहुत ही अच्छे नम्बर  से पास कर लिया पर बी.ए. फस्ट ईयर की परीक्षा में  उसे फेल होने का डर लग रहा हैै। उसने कहा कि अगर वह  फेल हो गई तो वह अपनी जान दे देगी और ऐसा कहकर वह रोने लगी। दादी माँ ने उसे ऐसे परेशान कभी नहीं देखा था। 


उन्होंने एक दम से कहा,‘‘तो फिर बेटा परिणाम का इन्तजार क्यूँ ? अभी दे दो अपनी जान, खतम कर दो अपनी जिन्दगी। अगर तुम्हें अपने परिणाम पर भरोसा नहीं है तो इन्तजार किस बात का ? पर क्या तुमने कभी सोचा है

सोमवार, 29 मार्च 2021

होली है !

HOLI HAI


सबसे पहले मैं अपने सभी मित्रों को होली की शुभकामनाएँ देना चाहती हूँ। कितनी खुशियों का त्यौहार है ये होली ! ये होली, ये रंग, ये रंग भरे चेहरे, मिठाईयाँ, गुलाल और ना जाने क्या-क्या ? हम सभी को न जाने कितनी खुशियाँ दे जाती हैं ये । अगर ये ना हो तो हमारी भागम-भाग भरी जिन्दगी में वक्त ही नहीं है कि हम खुद के लिए जी सकें। नहाना-धोना तो हम रोज ही करते हैं पर रंगो से सराबोर होने में जो आनन्द आता है, उसकी तो कोई तुलना ही नहीं है।




इसी बहाने हम ना जाने कितनी सुन्दर यादों को अपने जेहन में समेट लेते हैं, जो हमारे जीवन जीने की वजह होते हैं। इन रंगों का अर्थ ही यही है कि हम सब एक हो जायें। पर कुछ चेहरे ऐसे भी होते हैं, जो  रंग जाने के बाद भी अपने मन की मैल रुपी कालिमा को वैसे ही बनाये रखते हैं और इस खूबसूरत त्यौहार को अपनी बुरी हरकतों से बुरा और बदसूरत बना देते हैं। मैं ऐसे सभी लोगों से कहना चाहती हूँ कि किसी के जीवन में खुशियों के रंग भरिये, आँसू और दुःख के नहीं। यही होली त्यौहार का वास्तविक संदेश है।


आप सभी को रंगो के इस पर्व होली की एक बार फिर से हार्दिक शुभकामनाएँ।


Image:Google