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गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

नारी का सम्मान

NAARI KA SAMMAN


आज कल हमारे घर के भीतर और बाहर लड़कियाँ कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं , ऐसा क्यों ? कुछ घटनायें बीते वर्ष में  घटित हुई हैं , जो इतनी घृडित  और वीभत्स  हैं ,जिसकी याद जेहन में आते ही मन सिहर उठता है।  न जाने कितनी बेटियों की इज्जत को मिटटी में मिला  दिया गया , जिससे उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी ,और तो और , समाज  में बेटियों का  इज्जत से जीने का अधिकार भी छीन लिया जाता है। हमारी बच्चियाँ आजादी से कहीं जा नहीं सकती , कौन से व्यक्ति की नियत कब ख़राब हो जाये ,कुछ कहा नहीं जा सकता।  क्या इसके लिए सिर्फ पुरुष ही जिम्मेदार हैं ? नहीं ! इस असुरक्षा के लिए लिए हम सभी  जिम्मेदार हैं।

आजकल , भारतीय पहनावे को  लोग भुलाकर और पश्चिमी सभ्यता के पहनावे को अपनाकर खुद को दूसरों बेस्ट दिखाने की होड़ में लगे रहते हैं।माता - पिता को फुर्सत नहीं है कि वो  अपने बच्चों की  ओर ध्यान  दे सके कि हमारे बच्चे क्या करते हैं , किन लोगों के बीच रहते हैं , कहाँ जाते हैं , उनके मित्र कैसे हैं ? उनको कुछ भी जानकारी नहीं होती।  और तो और , बच्चों को उनकी जरुरत और और उम्मीद से ज्यादे सुविधायें और पॉकेट मनी दे देते हैं , जिसका बच्चे खुल कर मनचाहा दुरुपयोग करते हैं। हम अपने माता -पिता के दिए गये  संस्कारों को भूल जाते हैं. हमारे पिता जी हमारे हाथों में पैसे नहीं देते थे बल्कि हमारी सारी जरूरतें पूरी कर देते थे, और समय -समय पर रोक -टोक होती थी कि कहाँ गई थी,किसके साथ थी ? हमें बुरा भी लगता था। मगर आज जब हम समाज में बेटियों के साथ बुरी घटनाओं के घटित होने की खबर पढ़ते हैं , तो हमें दुःख होता है , पर क्या हमें अपनी सोच बदलनी नहीं चाहिये ?

बुधवार, 10 फ़रवरी 2016

बेटी का दर्द


BETI KA DARD

मैं एक बेटी हूँ ,अपने माँ- पापा की, आप सभी की  तरह। मैं आप सभी से  कहना चाहती हूँ कि क्या घर और समाज में हमें वो दर्जा मिल गया है, जो हमें मिलना चाहिए और जो हर व्यक्ति का हक़ होता है। क्या बेटियों की स्थिति बदल गई है  या नहीं ? लोग तो बदल गए हैं ,मगर बेटिओं के प्रति समाज का विचार कभी नहीं बदला। मगर क्या हम वाकई में बदले हैं ? क्या हम अभी नही खुद को पुरूषों के आधीन  मानते हैं ? हमें लगता उनसे ही हमारा अस्तित्व है। किन्तु ,हमें अब अपने आपको परिवर्तित करना होगा ,खुद की एक पहचान बनानी होगी। जब बेटे  की शादी के लड़की देखी जाती है लड़की का चेहरा ,चाल ढाल , रंग ,रूप यहाँ  तक की नौकरीरत भी चाहते है।

 मगर लडके के बारे में कोई जांच पड़ताल नहीं  करता न ही कोई ये सोचता है की लड़की की इस बारे में क्या राय  है ,क्यों ? कुछ लोग ऐसे भी हुए  है, जो समाज को दिखने के लिए गरीब घर की बेटी को अपना तो लेते है मगर न उसे परिवार में  जगह देते है और न ही दिल में। और हमेशा कहा जाता है की क्या ले कर आई ? मगर कोई ये नहीं समझता कि वो क्या छोड़ कर आई है। यहाँ तक ये सभी लोग लड़की को पसंद करने से पहले पूरी तरह से आस्वस्त होना चाहते हैं , मगर ये कोई नहीं देखता की हमारी क्या  एक्सपेक्टेशन है, हमसे शादी से पहले हमारी पसंद को नजर अंदाज़ कर दिया जाता है।  लड़के का ,  जमींन , रुपये से सम्पन्नता  ही क्या  एक लड़की के सुखी जीवन  के लिए काफी है ?

सोमवार, 8 फ़रवरी 2016

वास्तविक प्रेम !



VASTAVIK PREM IN HINDI




ये फरवरी का महीना है इसमें वेलेनटाइन डे भी पड़ता है। मैं आप सभी से कुछ मन की बात शेयर करना चाहती हूँ , आखिर प्यार क्या होता है ? प्यार तो मुझे  आपको हर किसी को जीवन कभी न कभी जरूर होता है ,चाहे हम उसे पा सके  या नही, उसमे ही हम अपनी खुशियों को तलाशते है। उसे लेकर ख्याल की दुनियां में खोये रहते है, कुछ लोग को  आपने प्यार की मंजिल मिल जाती है , किसी की उम्मीदें अधूरी रह जाती है। और वो मुस्कुराना भूल कर बस याद में दुखी रहने लगते है. 

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रविवार, 7 फ़रवरी 2016

प्रारंभ..

PRARAMBH IN HINDI
श्री गणेश जी सदा सहाय  !


हे दोस्तों ! मेरा नाम है रश्मि। मैं आप सभी की तरह एक आम सी गृहणी हूँ। आज मेरे जीवन का एक अहम  दिन है , क्यों कि आज से मैं ब्लॉगिंग की शुरुवात करने जा रही हूँ और ये मेरा पहला पोस्ट है। मैं इस ब्लॉग में अपने जीवन से मिले अनुभव और छोटी छोटी खट्टी मीठी यादों को आप सभी दोस्तों  के साथ शेयर करुँगी।


हमारी भारतीय सभ्यता  में ऐसा कहा जाता है कोई काम की शुरुवात करते है तो गणेश जी को याद करते है। अतः मैंने अपना पहला पोस्ट गणेश  जी को समर्पित किया है। 

मैंने जीवन में बहुत उत्तर चढ़ाव देखे है, मैंने उनसे ये सीखा है कि परिस्थिति जो भी हो, दोस्तों ,कभी भी खुद को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए, क्योकि जब हम   खुद को कमजोर समझने लगते है तो , मेरा यकीन  मानिये, आप उसी पल ,उसी समय से नकारात्मक सोच से घिरने लगते है और आप की मुस्कराहट कहीं खो जाती है।तो ठीक है दोस्तों ! आज के लिए इतना ही, तो मुस्कुराते रहिये !

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