क्या हमारे कर्म हमारे व्यक्तित्व का निर्धारण करते है ? ये तो मुझे नहीं पता , पर इतना जरूर जानती हूँ कि हम जैसा कर्म करते है हमारी पहचान भी वैसी ही बनती चली जाती है। हमारे बुजुर्गों ने ये बात तो 16 आने सही कही है कि व्यक्ति केवल दो तरह के कार्यों को करके ही ज्यादा नाम काम सकता है या तो उसके कर्म बहुत अच्छे हों या फिर बहुत ही बुरे। अब तो हमें खुद से ही निर्णय लेना है कि हम किस पंक्ति में खड़े होना चाहते हैं। हम जब भी कोई कार्य करते है तो पहला प्रश्न उठता है कि ये किसका बेटा /बेटी है और कौन इनके माता पिता होंगे। जब भी हम किसी के प्रति गलत व्यवहारों को अपनाते है तो प्रश्न हमारे माता - पिता के संस्कारों पर उठता है और लोग ये सोचने के लिए मजबूर हो जाते है उनके माता पिता भी इसी प्रवृति के होंगे , जिससे उनका बच्चा ऐसा है।
रविवार, 28 अगस्त 2016
उत्तर-दायित्व
क्या हमारे कर्म हमारे व्यक्तित्व का निर्धारण करते है ? ये तो मुझे नहीं पता , पर इतना जरूर जानती हूँ कि हम जैसा कर्म करते है हमारी पहचान भी वैसी ही बनती चली जाती है। हमारे बुजुर्गों ने ये बात तो 16 आने सही कही है कि व्यक्ति केवल दो तरह के कार्यों को करके ही ज्यादा नाम काम सकता है या तो उसके कर्म बहुत अच्छे हों या फिर बहुत ही बुरे। अब तो हमें खुद से ही निर्णय लेना है कि हम किस पंक्ति में खड़े होना चाहते हैं। हम जब भी कोई कार्य करते है तो पहला प्रश्न उठता है कि ये किसका बेटा /बेटी है और कौन इनके माता पिता होंगे। जब भी हम किसी के प्रति गलत व्यवहारों को अपनाते है तो प्रश्न हमारे माता - पिता के संस्कारों पर उठता है और लोग ये सोचने के लिए मजबूर हो जाते है उनके माता पिता भी इसी प्रवृति के होंगे , जिससे उनका बच्चा ऐसा है।
गुरुवार, 25 अगस्त 2016
जन्माष्टमी Happy Janamashtami
'एक नई दिशा' की ओर से आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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रविवार, 14 अगस्त 2016
15 अगस्त Happy Independence Day
'एक नई दिशा' की ओर से आप सभी मित्रों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाईयाँ।
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सोमवार, 8 अगस्त 2016
पहला प्यार
क्या होता है प्यार ? इसकी एक अद्धभुत छवि हमारे मन-मस्तिष्क में हमेशा विद्यमान रहती है और जब 'प्यार' लब्ज़ हमारे कानों में पड़ता है तो हमारी इन्द्रियाँ भावुक हो जाती हैं, हमारा हृदय कोमल हो जाता है और बात जब पहले प्यार की हो तब ? पहले प्यार के अहसास से शायद ही कोई शख्स अछूता होगा। इस पहले प्यार की भावना ने सभी के दिल में कभी ना कभी दस्तक जरूर दी होगी। पहले प्यार की बात आते ही हम अपने अतीत को खंगालने में लग जाते हैं। इसकी स्मृतियाँ ना जाने कितने समय तक हमें घेरे रहती हैं। हमारे ह्रदय को कभी ना कभी इस पहले प्यार के अहसास ने जरूर छुआ होगा, जो हमारे अविस्मृत पल हैं , जिनको शायद भूला पाना हमारे वश में नहीं है। अगर ये पल अच्छे होते हैं तो हमारे मन को सुकून पहुँचाते हैं और होठों को एक मुस्कुराहट दे जाते है। यदि बुरे अनुभव से हमारा वास्ता हुआ है, तो ये हमारे मन -मस्तिष्क को कष्ट भी पहुँचा जाते हैं।
पर ये पहला प्यार आखिर में होता क्या है ? क्या दिल में किसी के प्रति उठने वाली भावना को प्यार कहते हैं या फिर आकर्षण को ? क्या प्यार को उम्र के बंधन में बांधा जा सकता है ? नहीं ना।
मंगलवार, 2 अगस्त 2016
पत्थर दिल
हम सभी ने ये बात सुनी होगी कि एक पुरुष की कामयाबी के पीछे एक महिला का हाथ होता है। वो महिला उसकी माँ ,बहन ,पत्नी ,दोस्त या फिर टीचर हो सकती है। पर क्या आपने कभी ये कभी सुना है कि किसी महिला की कामयाबी के पीछे किसी पुरुष का हाथ है ? नहीं ना ! मैंने भी नहीं सुना है। यहाँ तक कि ये बात किसी मैग्जीन या न्यूजपेपर में भी नहीं पढ़ी। जब एक महिला सफल होती है तो उसका पूरा श्रेय हम उसी महिला की मेहनत ,लगन व प्रतिभा को देते हैं। उसकी सफलता के पीछे किसी पुरुष का हाथ हो सकता है, ऐसी बात हमारे दिलों -दिमाग में कोने - कोने तक कही आती ही नहीं है। ना ही हम सभी ये जानना चाहते हैं।
जबकि बचपन से एक शक्ति हम सभी महिलाओं का साथ निभाते चली आई है। उसके भी कई रूप है- पिता ,भाई ,दोस्त या फिर पति। ये शक्तियाँ निरन्तर सुरक्षा की दीवार बनकर सदा हमारा साथ निभाती आई हैं। हर पल हमारा ख्याल रखती हैं, चाहे कैसी भी मुश्किल क्यों ना हो ? पहले उसे इस मजबूत दीवार से टकराना होता है, उसके बाद ही वह हमारे तक आ सकती हैं।