![Maja Nahi Aaya in Hindi Maja Nahi Aaya in Hindi](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjVQQRNqCdRqylYtMa3FGir-d5m-ZKdGTlvB8CdpPx3lYQkbZV69B_RPasESz8q080x8TkRtfZjqsjLuf_O3rgCw9cSF6HAD0gXzOFAjWOTTzzLaa8qqE5TAYFRTxsax4FR3-w9SHQCf5s/s400/kahani.jpg)
आज मैं अपने बचपन से जुड़ी एक घटना आप सभी के साथ शेयर करना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ कि इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी तक एक संदेश पहुँचे, आपके मनोमस्तिष्क पर एक दस्तक हो, आप भी एक बार साहस करें और कहें कि मजा नहीं आया !
जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी, परीक्षा के बाद मेरी छुट्टियाँ हो जाती थी और इन छुट्टियों में मेरी बहन अपनी 3 साल की बेटी के साथ घर पर आ जाया करती थी। दीदी की बेटी रिया मुझे बहुत प्यारी थी और मैं भी उसकी लाडली मासी थी। वह रात को मेरे पास सोती थी, मुझसे कहानी सुनती थी और सो जाती थी। मैं भी उसे हर रोज कहानी सुनाया करती थी - कभी भालू की, कभी हिरन की, कभी शेर की और ना जाने क्या -क्या ! इसी तरह वह हमेशा कहानी सुनते -सुनते सो जाती थी। मुझे भी यह कार्य करके बहुत आनन्द आता था। मैं हर रात उसी कहानी को सुनाती और वह बच्ची सो जाती। हर रात यही सिलसिला चलता था।