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गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

अनमोल पल

 

ANMOL PAL - EK NAI DISHA 2022

आज कल हम सभी को क्या हो गया है  ? हम सभी किस अंधी दौड़ में शामिल होते जा रहे हैं  ? हमारा सुबह उठने के बाद सिर्फ एक ही लक्ष्य हो गया है- कामयाबी और पैसा कमाना । पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि जब हम सभी जीवन के ऐसे मोड़ पर पहुँचेंगे, जब हमें ये दोनों चीजें हासिल तो हो गई होंगी तो  फिर  हमें याद आएंगे हमारे वो बीते हुए अनमोल पल, जो हमने यूू  ही  भाग -दौड़ में गवां दिए और जब अपने बच्चों को अपनी Life Enjoy करते देखेंगे तो हमारा दिल खुद को क्या माफ़  कर   सकेगा ?


हमारे चेहरे  की सिलवटे हमसे सवाल करेंगी कि   हमने खुद के खुशियों का गला क्यों घोट दिया  ? क्या वो लम्हे हमें फिर से कोई जीने को दे सकता है  ? नहीं ना ! ये हम सभी जानते व मानते है कि कही हुई बात और बीता  हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता। तो क्या अपने और अपने दिल से अजीज लोगो के साथ हम सही कर रहे हैं ? अब कौन  सा समय निकल गया है इस भाग-दौड़  की Life में कुछ    मीठे पल  हमारे उन अपनों  के नाम कर दीजिये जिन्होंने अपने जीवन को हमारे लिए  समर्पित किया है।

 वो अपने दिल से जुड़े रिश्ते, जो हमसे कभी Salary ना ले कर सारी जिम्मेदारियों को बखूबी निस्वार्थ भाव से निभाते हैं और बदले में हम उनको क्या देते हैं ? क्या हमारा फर्ज नहीं बनता है कि हम उनका ख्याल रखे  ? उनके होठों पर खुशी लाये।

ये तो सच्ची बात है कि मॅहगाई इतनी बढ़ गई है की सामान्य Income से जीवन की जरूरतें ही पूरी हो जाएँ, यही काफी है। पर खुशियाँ भी तो ज्यादा पैसो की मोहताज नहीं होती हैं। जब भी फुर्सत मिले घर में ही क्यों ना छोटी सी Party रखी जाय या Weekend पर अपनों के साथ खेल कूद या थोड़ी मस्ती की जाए।  कैसा रहेगा अपनों के साथ ये पल  ? जो हम ना जाने बर्षों से नहीं जिए। क्योकि हमारे पास Time ही नहीं है, जो हम किसी से कुछ कहे और कुछ सुनें।

रविवार, 11 दिसंबर 2022

रिश्ते - नाते

 

RISHTE NAATE IN HINDI - EK NAI DISHA 2022

हम सभी ने ये बात सुनी होगी कि एक पुरुष की कामयाबी के पीछे एक महिला का हाथ होता है। वो महिला उसकी माँबहनपत्नीदोस्त या फिर टीचर हो सकती है। पर क्या आपने कभी ये कभी सुना है कि किसी महिला की कामयाबी के पीछे किसी पुरुष का हाथ है, नहीं ना ! मैंने भी नहीं सुना है। यहाँ तक कि  ये बात किसी मैग्जीन या न्यूजपेपर में भी नहीं पढ़ी। जब एक महिला  सफल होती  है तो उसका पूरा श्रेय हम उसी महिला की मेहनत, लगन प्रतिभा को  देते हैं। उसकी सफलता के पीछे किसी पुरुष का हाथ हो सकता है, ऐसी बात हमारे दिलों -दिमाग में कोने-कोने तक कही आती ही नहीं है। ना ही हम सभी ये जानना चाहते हैं।

 

जबकि बचपन से एक शक्ति हम सभी महिलाओं का साथ निभाते चली आई है। उसके  भी कई रूप है- पिता ,भाई ,दोस्त या फिर पति। ये शक्तियाँ निरन्तर सुरक्षा की दीवार बनकर सदा हमारा साथ निभाती आई हैं। हर पल हमारा ख्याल रखती हैं, चाहे कैसी भी मुश्किल क्यों ना हो ? पहले उसे इस मजबूत दीवार से टकराना होता है, उसके बाद ही वह हमारे तक सकती हैं। 

 

हम सभी अपनी माँ से बेहद प्रेम करते हैं और हमारी माँ भी हम पर अपनी ममता दिन रात लुटाती रहती है। हमने कभी भी अपनी माँ को खुद के लिए कड़क लहजे में पेश आते नहीं देखा ,कभी माँ से डांट नहीं खाई। कितनी अच्छी और लविंग होती है ये माँ। माँ के व्यवहार को हम ममता का नाम देते हैं। पर जब पिता की बात होती है तो सभी यही कहते है कि पिता हमें प्यार नहीं करते, हमेशा डांटते रहते है। हमारे हर काम में पुलिस की तरह पूछ -ताछ करते हैं। पर एक पिता की कीमत वही शख्स समझ सकता है , जो इस अमूल्य दौलत से महरूम है। 

सोमवार, 28 नवंबर 2022

कर्त्तव्य-निष्ठा

 

KARTAVYANITHA IN HINDI - EK NAI DISHA 2022

क्या हमारे कर्म हमारे व्यक्तित्व का निर्धारण करते है  ? ये तो मुझे नहीं पता , पर इतना जरूर जानती हूँ कि हम जैसा कर्म करते है हमारी  पहचान भी वैसी ही बनती चली जाती है। हमारे बुजुर्गों ने ये बात तो 16 आने सही कही है कि व्यक्ति केवल दो तरह के कार्यों को करके ही ज्यादा नाम काम सकता है या तो उसके  कर्म बहुत अच्छे हों या फिर बहुत ही बुरे। अब तो हमें खुद से ही निर्णय लेना है कि हम  किस पंक्ति में खड़े होना चाहते हैं। हम जब  भी कोई कार्य  करते है तो पहला प्रश्न उठता है कि ये किसका बेटा /बेटी है  और कौन इनके माता पिता होंगे। जब भी हम किसी के प्रति गलत व्यवहारों को अपनाते है तो प्रश्न हमारे माता - पिता के संस्कारों पर उठता है और लोग ये सोचने के लिए मजबूर हो जाते है उनके माता पिता भी इसी प्रवृति के होंगे , जिससे उनका बच्चा ऐसा है।

 

सभी माता -पिता अपने बच्चे को वो सुख-सुविधाएं और अच्छे संस्कार देना चाहते हैं जिनको वो  खुद भी अपने  बचपन में नहीं पा सके। जितना उनके सामर्थ्य में होता है, जितना अच्छा जीवन  वो दे सकते है, वो उसे   अपने बच्चे को देने की कोशिश करते है। तो हमारा भी ये फर्ज बनता है कि अपने जन्मदाता के नजरों को कभी झुकने ना दें। हमारा कर्म ऐसा हो कि सभी हमारे माता पिता के दिए संस्कारो पर गर्व करें और हमारे व्यक्तित्व से प्रेरणा लें। हमारे माता पिता भी हर जन्म में हमें अपने औलाद के रूप में देखना चाहें।

 

दुनियाँ में एक बच्चे के लिए अपने पिता से धनी और माँ से भला चाहने वाला कोई शख्स नहीं होता। सब नजरिये का फर्क है। कभी -कभी हमें लगता है कि हमारे पिता हमें प्यार नहीं करते, हमें हमें आये दिन कुछ   कुछ  सुनाते  रहते है। पर पिता के डांट में उनके जीवन में मुश्किल हालात में सामना करने का तजुर्बा छिपा होता है जिनको हमें बस समझने की जरुरत है और माँ की गोद दुनिया की जन्नत से कम नहीं होती है जहाँ सर रखते ही सारे  दुःख -दर्द छूमंतर हो जाते है। ये प्यार का ऐसा नजराना है  ,जो हमें उस ईश्वर की  ऒर से बिन  मांगे मिलता है।

सोमवार, 24 अक्तूबर 2022

शुभ दीपावली !

 

HAPPY DIWALI - EK NAI DISHA


'एक नई दिशाकी ओर से आप सभी को 'दीपावली पर्व2022 की हार्दिक शुभकामनायें !


#दीपावली
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Image:Google

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

कृष्णा-जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !

 

HAPPY JANAMASTAMI 2022 - EK NAI DISHA


'एक नई दिशा' की ओर से आप सभी को कृष्णा-जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !

ॐ जय श्री कृष्णा !


#KrishnaJanmashtami


Image:EK_NAI_DISHA_2022

सोमवार, 15 अगस्त 2022

स्वतंत्रता दिवस 2022 की शुभकामनाएँ !

 

HAPPY INDEPENDENCE DAY 2022 - EK NAI DISHA

'एक नई दिशाकी ओर से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस 2022 की हार्दिक शुभकामनाएँ  !


#IndiaAt76

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Image:Ek_Nai_Disha_2022