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सोमवार, 4 अप्रैल 2016

नये-पुराने

Naye Purane in Hindi

कंकड़ -एक छोटा सा टुकड़ा ,जो शिला से टूटकर अलग हो जाने से स्वतः ही बन जाता है। जो अपने अस्तित्व की पहचान बनाने के लिए निरन्तर प्रयास करता रहता है। एक शिला, जो की गढ़े जाने के बाद  धर्म और आस्था की प्रतिमूर्ति बन  जाती  है,  पर हमारा ध्यान उस  नन्हें कंकड़  पर नहीं  जाता है, जो उस  शिला का हिस्सा था, जिसे छीनी हथौड़े की चोट से अलग कर दिया जाता है।  क्या कसूर  होता है उसका ? कुछ लोगों  का जीवन भी  उस छोटे से कंकड़ के सामान ही होता है, जो निरन्तर अपने अस्तित्व की तलाश में प्रयत्नशील रहता है।

मैं सोचतीं हूँ कि क्या  सिर्फ ऊँचे कुल में जन्म ले लेने मात्र से कोई महान  व्यक्ति  जाता है ? क्या वो सारे  गुण उस व्यक्ति के  व्यवहार में स्वतः ही आ जाते हैं ? नहीं। मेरा मानना है कि व्यक्ति के सुन्दर व्यक्तित्व और अच्छे मन का आइना उसके अच्छे कर्म होते है। यही सब उसके व्यक्तित्व की एक पहचान बनाते हैं। जो लोग ऐसा सोचतें हैं कि ऊँची जात, ऊँचे कुल में जन्म ले लेने मात्र से ही उनका भाग्योदय हो जाता है, तो उनकी ऐसी सोच गलत है। अपने कर्मों  द्वारा  व्यक्ति दूसरों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ जाता है, जो जीवन पर्यन्त नहीं मिटती।  हमें अपने कर्मों पर हमेशा भरोसा  रखना चाहिए।  क्योंकि कर्मो के द्वारा ही हम अपने भाग्य को संवार सकते है।  समय का क्या है, वह कभी एक जैसा नहीं रहता।

बुधवार, 30 मार्च 2016

क़सक

Kasak in Hindi

"बाबा ! अगर मैं मर गई, तो इन दहेज़ के लालचियों को सजा जरूर दिलवाना। मेरी लाश को सफ़ेद कफ़न में ओढ़ाना। मैं अब किसी की सुहागन नहीं हूँ। मैं एक विधवा हूँ।"

प्रेमा की लिखी बातें पढ़कर पिता की आँखें नम  हो गईं। दिल में बस यही कसक रह गई  थी कि काश ! उस रात   फोन उठाया होता तो, प्रेमा आज अपने बाबा के साथ होती।

 प्रेमा अपने पिता की लाडली बेटी थी,जैसे  हर बेटी अपने पिता के जीवन का प्यारा हिस्सा होती है। प्रेमा की  माँ का स्वर्गवास तभी हो गया था,जब वह 4 वर्ष की थी।  वह अपने पिता से माँ और बाबा दोनों का प्यार पाती थी। प्रेमा के बाबा ने उसे कभी भी माँ की कमी महसूस नहीं होने दी। अब प्रेमा ग्रैजुएट हो गई थी। प्रेमा की शादी की चिंता उसके बाबा को सताने लगी, मगर प्रेमा और पढ़ना चाहती थी। बाबा के कहने पर वो शादी के लिए राजी हो गई । शादी की बात चलते ही, प्रेमा बहुत उदास रहने लगी थी। उसे अपने बाबा की चिंता थी कि  उसकी शादी के बाद उनका ख्याल कौन रखेगा ?