"हमसफ़र "- ये शब्द जब भी हमारे कानों में पड़ता है , तब हमारी नज़रों के सामने एक विशेष व्यक्ति की अलग छवि छा जाती है। अपने जीवन साथी को लेकर सबकी बहुत ज्यादा उम्मीदें होती हैं, एक ही व्यक्ति में हम सभी गुणों को तलाशने लगते हैं और जब वह हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता तो हमें बहुत निराशा होती है। पर क्या हमें अपने हमसफ़र में ही सारे गुण चाहिए होते हैं ? हम कभी अपने गुणों या अवगुणों को क्यों नहीं विचारते ? क्या हमसे जुड़ने वाले शख्स की हमसे उम्मीदें नहीं होंगी ? हर व्यक्ति में एक न एक गुण अवश्य होता है , जरुरत है निखारने की।
पड़ोस में रहने वाली कमला आंटी , जिन्होंने जब शादी की तो वह पांचवी पास थीं। माता -पिता की सहमति से वेल एजुकेटेड लड़के से उनका विवाह हो गया। शादी के बाद उनके पति बैंक में कार्यरत हो गए। उनका उठना-बैठना एजुकेटेड लोगों के बीच होता था। एक दिन कुछ लोग खाने पर आये। उन लोगों ने कमला आंटी के घर की सजावट देख बहुत तारीफ़ की और बनाये खाने को बहुत पसंद किया। मगर अपनी शिक्षा को लेकर वह बहुत उदास थीं। उनको सभी से बात करने में असहजता महसूस हो रही थी। फिर सभी चले गए। उनके पति ने उनके हाँथ को पकड़ कर उनपर बहुत गर्व किया और कहा -"मैं बहुत नसीब वाला हूँ ,जो तुम मेरी पत्नी हो। क्या मैं तुमसे एक बात कहूँ , मानोगी ! मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी पढ़ाई की फिर से शुरुवात करो। " कमला आंटी ने हाँ कह दिया। उन्होंने अपनी छोड़ी पढ़ाई पूरी की और इण्टर के बाद करेस्पोंडेंस से आगे की पढ़ाई जारी रखी। आज वह एक प्रतिष्ठित विश्वविद्द्यालय की शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं।