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मंगलवार, 1 मार्च 2016

रिश्ते

Rishte in Hindi

रिश्ते की डोर बहुत नाजुक होती  है, जिसको बहुत संभाल  कर रखना चाहिए। जिस प्रकार आकाश में उड़ती पतंग की डोर को अधिक ढीला छोड़ दिया जाय, तो वो उड़ने की  बजाय जमीन पर गिरने लगेगी और जोर से खीचने पर  डोर टूट जाएगी।  उसी प्रकार रिश्तों के साथ भी जबरदस्ती की जाती है, तो उसके टूटने का डर  रहता है, और यदि उसका ध्यान ना रखा जाय  तो रिश्ते तनाव ग्रस्त होने लगतें हैं। रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण होतें हैं। यदि हमारें रिश्ते मधुर है तो हम जिंदगी का पूरा मज़ा उठा सकतें है और उनमें अगर कड़वाहट आ  जाये  तो यह हमारा जीवन जीना  मुश्किल कर देता है। 

आज कल ऑफिस और परिवार के बीच ताल मेल बैठाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है। जब हम छोटी -छोटी बातों  के लिए सही  गलत के झगड़े करते हैं, तो उन्हें सुलझाना कठिन हो जाता है। एक दूसरे के विचारों को भी ना समझ पाना रिश्तों में दूरियों की वजह बन जाता है। इस लिए यह जरुरी है कि दूसरें व्यक्तियों के विचारों को भी महत्व दिया जाय। उन्हें भी सुना व समझा जाय। इसी से  रिश्तों में बढ़ रहीं दूरियों को कम  किया जा सकता है। हमेशा हमें ये याद रखना चाहिए कि हमारे अपनों के रिश्ते अपनेपन और प्यार से संवरते हैं , न कि जबरदस्ती से। हमें रिश्तों को सँवारने के लिए सामने वाले की गलतियों को माफ़  सीखना होगा और यदि खुद से गलती हो जाती है तो माफ़ी मांगने में शर्म भी महसूस नहीं होनी चाहिये। अक्सर देखा गया है ,जो लोग शक्तिशाली होते हैं वह कम शक्ति वाले लोगों पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते रहते हैं।हमें सभी की भावनाओं को समझना चाहिए व उनकी कद्र करनी चाहिए। 

सोमवार, 29 फ़रवरी 2016

वफ़ा

Wafa in Hindi

वफ़ा क्या होती है ? क्या हम इसे भली -भाँति  समझते हैं ? दूसरों का ख्याल रखना ,बात को मानना या फिर  प्रेम को जाहिर करना, क्या इसी को वफ़ा कहतें हैं ?  कुछ लोग सामने वाले की नाराजगी और  घृणा को सह कर भी अपनी वफ़ा को प्रदर्शित करते हैं। मगर मैं नहीं मानती ऐसे वफ़ा को। क्योंकि हम  इंसान हैं। हमें  हक़ है अपने बारे में सोचने का। हमारे पास ईश्वर की कृपा से मस्तिष्क रूपी यन्त्र है, जिसके द्वारा  हमें सही और गलत के फर्क का ज्ञान होता है। 

मगर वो बेजुबान, जिनको ईश्वर ने जुबान भी नहीं दिया और जो अपनी भावनाओं को कह कर व्यक्त भी नहीं कर सकतें  हैं , उनके बारे में हमनें क्या कभी सोचा है ? हमने अक़्सर फल मंडी,सब्जी मंडी,  बाजारों में जानवरों को फलों -सब्जियों में मुँह लगाने  पर मार खाते देखा होगा। दुकानदारों के हाथों में जो कुछ भी आता है, वो उसी से मारने  लगतें हैं - कभी -कभी जानवरों के  पैर टूट जातें हैं ,और चोट खाने से उनकी त्वचा तक फट जाया करती है। वो  कुछ कर नहीं पाते। 

रविवार, 28 फ़रवरी 2016

खरा सोना

Khara Sona in Hindi

आज कल  एकल परिवार की ही प्रथा हर कही देखनें को मिल रही  है। कोई भी संयुक्त परिवार में  रहना नहीं चाहता। जब हम कभी  परेशानियों में होते है और हमें किसी की राय की जरूरत  महसूस होती  है तो हमें लगता है कि हमारे सिर पर बड़े बुजुर्गों का हाथ नहीं है। उनके जीवन के अनुभवों से हमारी जिंदगी कितनी आसान हो जाया  करती थी । एकल  परिवार के बच्चों में वो संस्कार ,सदस्यों से भावात्मक जुड़ाव कहाँ  देखने को मिलते है ? वो कहानियां, जो बच्चों के बौद्धिक विकास में सहायक होती थी, जिनके द्वारा वो ना जाने कितने ज्ञान बिना किताबों के हासिल  लेते थे, आज गायब सी हो गयी हैं ।  बच्चों के हाथ में आज केवल टी.वी का रिमोट होता है, जिससे  वो सिर्फ कार्टून देखते हैं या वीडियो गेम्स खेलते हैं। आइये, आज शहर में रहने वाले एकल परिवार की जिंदगी के बारे में जानते हैं। 

अलार्म की आवाज से सुधा की नींद टूटी उसने देखा सुबह के 8 :00 बज गएँ हैं, वह  घबरा कर कमरे से बाथरूम की तरफ भागी फिर उसने बच्चों को जगा कर तैयार किया।  सुधा ने अपने पति रवि को भी जगाया। तब तक काफी समय हो गया था। सुधा ने रवि से कहा ,"बच्चों को   रास्ते में कुछ खिला देना और तुम भी कुछ खा लेना। मैं कुछ बना नहीं सकी। मैं ऑफिस जा  रही हूँ। " फिर सभी अपनी-अपनी मंजिल पर निकल गए।