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शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

प्यार के रंग

Pyar Ke Rang


प्यार के कई रंग  होते हैं।  हमारे आसपास अलग -अलग व्यवहार के लोग  रहते है, जिनका स्वभाव एक दूसरे से भिन्न होता है। हम सभी की पसंद और सोच-विचार में भी अंतर होता है। जीवन के  उम्र के दौरान एक ऐसा भी  पड़ाव आता है , हम किसी के प्रति आकर्षित होते हैं, वह व्यक्ति हमें अच्छा लगने लगता है।  इसी आकर्षण को हम  सभी प्यार  मान बैठते हैं।  मगर प्यार क्या है ? किसी का चेहरा ,कद-काठी ,रूप-रँग या फिर सादगी। सभी एक बार इस प्यार का एहसास करना चाहते हैं। प्यार अगर सच्चा हो तो, दुनियाँ  बदल देता है और यदि इसी प्यार में झूठ का पर्दा हो, तो यह  हमारी दुनिआ भी बर्बाद कर देता है।

कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अपने इस आकर्षण को प्यार समझ लेते हैं। जब किसी के प्रति हमारे अंदर आकर्षण की भावना आये , तो हमें उस व्यक्ति की  भावनाओं को भी समझना चाहिए , क्योंकि प्यार कभी एक तरफ से नहीं हो सकता और न ही प्यार जोर-ज़बरदस्ती से  हासिल किया जा सकता है।

आज मैं आप सभी  के साथ एक पुरानी , मेरे दिल को छूने वाली स्टोरी को शेयर करूंगी। प्यार का एक ऐसा रंग भी  मैंने अनुभव किया है , जिससे मैं अंजान थी। अहमदाबाद का एक लड़का, जिसका नाम करण था, वह एक कंपनी में  असिस्टैंट था। उसकी जिंदगी बहुत सामान्य थी और अपने जॉब से वह बेहद खुश था। अब उसे जॉब  करते एक माह बीत गया था। आज उसका जन्मदिन था , जिसकी पार्टी उसने अपने दोस्तों और परिचितों को दी थी। वह पार्टी में आने वाले आगंतुकों से मिल ही रहा था कि तभी एक आवाज उसके कानों में पड़ी, "हैलो ! माय नेम इज़ आकांक्षा।  हैप्पी बर्थ -डे ! मैं आपके  ही ऑफिस में काम करती हूँ। "  वह एक बेहद खूबसूरत दिखने वाली लड़की थी ,जो आजकल के मॉडर्न ज़माने के  पहनावे में थी।  उसने अपने बालों को बड़ी ही स्टाइल के  साथ बनाया हुआ था , जो उस पर बहुत ही अच्छे लग रहे थे। उसकी एक नजर ने करण पर कुछ ऐसा जादू किया कि अब वह उसी से बात करने में और उसी के बारे में सोचने में ही अपना समय बिताया करता था।

धीरे-धीरे उन दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गयी और इस दोस्ती ने कब प्यार का रूप ले लिया , दोनों को पता ही नहीं चला। आकांक्षा करण को पसंद करती तो थी , मगर उसके सपने बहुत बड़े-बड़े थे और जिनके साथ वो कोई समझौता नहीं करना चाहती थी। धीरे-धीरे एक वर्ष बीत गया। एक दिन जब करण ऑफिस पहुँचा तो उसने देखा कि आज आकांक्षा नहीं आई है और फिर उसे जानकारी मिली कि आकांक्षा ने जॉब से रिजाइन कर दिया है। करण ने आकांक्षा से कांटेक्ट करने की बहुत कोशिश की , मगर आकांक्षा से उसकी बात नहीं हो पाई। एक दिन उसे ऑफिस में  किसी ने उसका लैंडलाइन नंबर दिया।  अब करण ने जब उसके घर के लैंडलाइन पर फोन किया तो आकांक्षा ने ही संयोग से  रिसीव किया और वह बोली ,"प्लीज करण ! तुम मेरा पीछा छोड़ दो , अब मेरी शादी होने वाली है। मैं तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती। दीपक बहुत ही रिच है और बहुत ही हैंडसम है।  प्यार का क्या है , शादी के बाद तो प्यार हो ही जाता है। अब तुम मुझे कभी फोन मत करना।"

फिर करण  ने उसे कभी कॉल नहीं किया  अब तीन वर्ष बीत चुके थे। करण अब  एक अच्छी कम्पनी  मेँ मैनेजर के पद पर  कार्यरत था। एक दिन उसके एक  दोस्त ने किसी शादी में साथ चलने को कहा। पुरानी दोस्ती की वजह से वो उसे इंकार न कर सका और साथ चला गया।

शादी में सजावट बहुत शानदार थी। तभी करण की ऑफिस  के एक एम्प्लॉय ने उसकी  तरफ हाथ बढ़ाया और कहा," हैलो सर ! मुझे बहुत खुशी  हुई कि आप मेरे भाई  की शादी में आये।  आइये, मैं आपको अपनी वाइफ से  मिलवाता हूँ। " करण की  नजर उस  महिला पर गई, जो रेड कलर की  साड़ी में बेहद  खूबसूरत लग रही थी।  उसके करीब आते ही करण  का दिल बैठ गया।  उसके सामने वही आकांक्षा थी, जिसके  कभी उसने  न जाने कितने  सपने देखे थे और जिसने  उसके हालात  को देखकर उसे  ठुकरा दिया था।  आज वो  उसके पति का बॉस था। करण ने उसे न पहचानने का दिखावा किया, फिर अपनी ड्रिंक को लिए दूसरी तरफ बढ़ गया। आकांक्षा भी करण के पीछे आई। उसने कहा ,"तुम मुझे नहीं पहचानते ?" करण ने अपरिचित बनकर कहा ,"क्या हम पहले मिले हैं ?"

मुझे इस कहानी ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या अमीर और सफल होना प्यार को पाने के लिए जरूरी होता है ? क्या उस लड़के की फीलिंग उस लड़की के सामने कोई मायने नहीं रखती थी ? क्या प्यार का यह भी रूप हो सकता है ?

Image:Google

4 टिप्‍पणियां:

  1. Bahut hi achchi kahani lagi mujhe..kripya aisi hi kahaniyan apne site me post karen,

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    1. मुझे आपके विचारों को जानकार खुशी हुई कि मेरा पोस्ट आप सभी को पसंद आता है ,ऐसी इंट्रेस्टिंग स्टोरीज आगे भी पोस्ट करूँगी, पढ़ने के लिए शुक्रिया ..

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  2. kahani shandar hai. vastav me pyar ke kai rang hote hai. ise ham shabdo me nhi likh sakte hai. aapki koshish bahut achchi hai. nice

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