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बुधवार, 9 मार्च 2016

बस बहुत हुआ !

 हमारी माँ ,वो प्यारी माँ, जिसे अपने बच्चे में सारी दुनिया दिखाई देती है और हर बच्चे के दिल में अपने माँ के लिए भी बहुत आदर -सम्मान होता है। वो अपनी माँ को कभी दुखी नहीं देख सकता है ,न ही उसके आँखों में आँसू देख पाता  है। अगर जाने -अनजाने हमारी माँ को कोई कष्ट पहुँचाता है, तो हमारा खून खौलने लगता है। हम उस व्यक्ति से लड़ने -झगड़ने को पहुंच जाते है। वह व्यक्ति हमें दुनियां का सबसे बुरा व्यक्ति लगने  लगता है। 

आज मैं एक ऐसी ही माँ के बारे में आप सभी से कुछ कहना चाहती हूँ। जिनके हम सभी बच्चे हैं। आज हमारी माँ रो रही  है ,उनकी आखों में आसूँ है।  वो चीख -चीख कर के जेऐनयू  के छात्रों से  कह रही है ,"मेरे लाल ! मैंने तुझ पर अपना जीवन न्योछावर कर दिया। पर तुमने मुझे क्या दिया ? मैंने तुझे अपना दूध पिलाया था। पर  मेरे लाल ! तेरे रगों में मेरे खिलाफ जहर कैसे  भर गया ?" ये बातें कहने वाली  माँ और कोई नहीं, हमारी भारत माँ हैं। जिनकी आँचल की छाँव में हम सभी चैन की साँस लेते हैं। कुछ चंद लोग हम सभी  की  भारत माँ को गालियां दे रहें हैं। मैं  पूछती हूँ उन नवजवानों  से, जो खुद को ज्यादा समझदार समझते हैं, जिनको लगता है कि वो दुनियां को बदलने का दम  रखते हैं-क्या ऐसे ही दुनियाँ को बदलेंगे ? 

रविवार, 6 मार्च 2016

नई सोच की सुबह

हेलो फ्रेंड्स ! मैं ब्लॉगअड्डा साइट पर एरियल #ShareTheLoad  कैंपेन को सपोर्ट कर  रही हूँ , जिसका उद्देश्य है -हमें उन पूर्वाग्रहों से मुक्त होना है जो की प्रायः हमारे घर में दिखते  हैं और जिन्हें हम एक जेनेरेशन से दुसरे जेनेरेशन को शिफ्ट करते हैं, जैसे कि घर के घरेलू काम-काज (I am joining the Ariel #ShareTheLoad campaign at BlogAdda and blogging about the prejudice related to household chores being passed on to the next generation.) इस सन्दर्भ में मेरे अनुभव व् विचार कुछ इस प्रकार हैं। ... 

हम सभी ने अपने माता-पिता को घर के कार्यों को पूर्ण जिम्मेदारी के साथ करते हुए देखा होगा।  हमनें अपने पिता  को अक्सर माँ से कहते हुए यह भी देखा होगा कि," तुम अपना काम ठीक से किया करो।शर्ट में दाग लगा है, जो तुमने ठीक से धोये नहीं। " और माँ से भी सुना होगा जो पिता जी को हमेशा बिज़नेस अच्छा न चलने के कारण कहती हैं,"आप घर में खर्च कम दे रहे हैं। बच्चों और परिवार की गृहस्थी का भरण-पोषण करना आपकी जिम्मेदारी है।" हम भी शादी होने के बाद उन संस्कारों को जाने-अनजाने ग्रहण कर लेते हैं और पति से बाहर  जा कर कमाने को उनका काम समझते हैं। जबकि हमारे पति घर के कार्यों का उत्तरदायित्व हमें सँभालने को कहते हैं। मगर क्या हम पीढ़ी-दर-पीढ़ी अपने बच्चों के रगो में यही संस्कार खून की तरह नहीं दौड़ा रहे हैं ?

शनिवार, 5 मार्च 2016

डायरी के पन्नों से -2



पिछला पन्ना - डायरी के पन्नों से-1 

आज  मैं आप सभी के साथ कुछ बहुत जरुरी रोजमर्रा की परेशानियों को कम समय में दूर करने की टिप्स लाई हूँ, जिनको आप सभी अपनाकर अपने समय और मेहनत की बचत कर सकते हैं। ये  बहुत ही आसान और घरेलु टिप्स हैं -

  • दही जल्दी जमाना  हो तो, जमाते समय एक साबुत लाल सूखी मिर्च डालने  से जल्दी  जमता है।                                                                                                                                                                    
  • खटाई  में कीड़े न पड़े इसके लिए  थोड़ा  नमक डालें।                                                                                
  • फ्रीजर में डिफ्रास्ट करने के बाद बर्फ निकाल कर बर्तन के भीतर ग्लिसरीन लगाएं। अगली बार डिफ्रॉस्ट करेंगी तो, जमा बर्फ आसानी से निकलेगा।                                                                                          
  • यदि बर्थडे केक पर मोमबत्ती लगाना चाहती हैं, तो मोमबत्ती के नीचे टूथपिक कोंच कर केक पर खड़ा करें। केक ख़राब नहीं होगा।                          
  • मिक्सी के ब्लेड की धार तेज करने के लिए नमक को मिक्सी में पीसेंगे।                                                                                                
  • लाइटर अगर ख़राब हो गया हो तो, उसमें सिलाई मशीन का तेल की कुछ बूँदे डाल देने से वह ठीक हो जाता है।