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गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

नज़रिया

Nazaria in Hindi

मेरी शादी को कई वर्ष बीत गए हैं।  पर जब मैं अपने कॉलेज के  दिनों के बारे में सोचती हूँ ,तो मन में जो तस्वीर सामने आती है, वो आज भी वैसी की वैसी ही है। हम बदल गए। हमारा रहन -सहन ,पहनावा, यहाँ तक कि  हमारे खान -पान में भी काफी परिवर्तन आ गया है। मगर आज जो नहीं बदला वो है- लोगों की आदतें। उस वक्त के कुछ  लड़कों का काम था कि उनको जब भी समय मिलता, वे गली-नुक्क्ड़ पर खड़े हो जाया करते थे। उस समय भी मुझे उन मनचले लड़कों की कमेंट पास करने की मानसिकता समझ में नहीं आती थी।  और आज भी जब ऐसी घटना के बारे में मैं अपने आस -पास सुनती हूँ  तो उन लड़को पर हंसी  भी आती है और गुस्सा भी। वो लड़के क्यों इस बात को नहीं समझते हैं कि उनके इस तरह के व्यवहार से सामने वाले पर क्या गुजरती होगी ? 

मुझे आज भी याद आता है, कॉलेज जाते समय, मैं  रास्ते में अपनी दोस्त के घर उसे साथ लेने के लिए जाती थी। उसके  घर तक जाने के लिए एक  गली पार  करनी होती थी । उसी गली में कुछ लड़कों  की टोली बैठा करती थी। मैं और मेरी दोस्त जब भी कॉलेज जाने के लिए निकलते थे ,तो वो ना जाने क्या उलटी -सीधी बातें बोलने लगते थे। हम दोनों उन लड़कों के इस व्यवहार से गली से गुजरने में बहुत ही असहज महसूस किया करते थे। आखिर उनको क्या आनंद आता था, ऐसा करते हुए। पर उनके ऐसे अभद्र व्यवहार से हमारे मन में उन लोगो की बहुत बुरी छवि बनती थी, जो उन लड़कों को शायद नहीं पता था। 

आज उनके बारे में सोचकर बहुत हंसी  आती है ,और सोचती हूँ कि उनको इतना समय कैसे मिल जाया करता था कि रोज बैठकर लड़कियों पर कमेंट पास करें । ऐसे एक बन्दे से मैं कॉलेज के  दिनों में रूबरू भी हुई थी , जिनका  रोज का काम सिर्फ अपनी दिव्य नजरों से कॉलेज में आई  लड़कियों को निहारना था। ऐसा  करने से उनकी नजरों को ना जाने कौन सा सुकून मिल जाया करता था, जो किसी भी नारी को देखे बिना वो नहीं रह पाते थे। 

एक दिन हम सभी क्लास की लड़कियों ने उन जनाब को सुधारने  की ठानी। अगले दिन हमारी क्लास में नए साल का एक छोटा सा फंक्शन रखा गया था। हमने उस लड़के को सुधारने के लिए सारा प्रोग्राम सेट किया था। सँयोग से उस दिन क्लास में दो ही लड़के आये थे। फिर हम सभी लड़कियों ने उन साहेबजादे को घूरना शुरू  कर दिया। जिस लड़की को ,जिस सीट पर देखो तो सिर्फ उस लड़के को देखने का काम कर रही थी।थोड़ी देर बाद हम सभी के सामने नाश्ते की प्लेट आई। हमने हमारे ग्रुप में से सबसे मॉडर्न दिखने वाली लड़की  को काम दिया था कि वो एक बाल्टी पीने  के लिए पानी उस लड़के से मंगाए ,और वही हुआ हमने उस लड़के की पानी  लाते  हुए ,बाल्टी और जग के साथ उसकी कुछ  तस्वीरें खींची और अगले दिन एक कार्ड उस लड़के की बेंच पर रख दिया गया। जिस पर  love लिखा था। जनाब ने क्लास रूम में आकर  लिफाफे को जल्दी से खोला तो अंदर की चीजों को देख कर वह हैरान रह गए।  उसकी सारी फोटो को हमने उस लिफाफे में रखा था।  उस दिन के घटना के बाद शायद उस साहबजादे का ह्रदय परिवर्तन  हो गया था और अब उनको शायद हर  नारी में  अपनी बहन की छवि नजर आने लगी थी।

इतने वर्षों के बाद भी ऐसी घटनाएं घटती हैं ,जब लड़कियां किसी गली, किसी चौराहे से गुजरने से खुद को असहज महसूस करती हैं। आज मैं उन लड़कियों से  एक बात  चाहती हूँ कि खुद को हम क्यों बदलें ,रास्ते को भी क्यों बदलें ? केवल समाज के उन चंद लोगों की वजह से ! जो पूरी तरह से अपने माता -पिता के संस्कारों को ग्रहण तक नहीं कर सकें हैं और ना ही  अपने अमूल्य जीवन को समझ पाए हैं। ऐसी स्थिति का सामना जो लड़कियां करतीं हैं, वो इतनी परेशान  हो जाती हैं कि  अपनी पढाई तथा जॉब तक छोड़ने को तैयार हो जाती हैं। आखिर सहने की भी एक सीमा होती है। कभी भी पानी सर  से ऊपर नहीं होने देना  चाहिए। और अगर हमारे  साथ कुछ भी असहज घटनायें घट रही हैं ,तो हमें अपने बड़ों और माता -पिता को इसकी  जानकारी जरूर देनी चाहिए। 

मुझे याद आता है एक वीडियो, जो मैंने रक्षाबंधन पर देखा था। इसमें दिखाता है कि एक लड़की मार्केट से गुजर रही थी।  तभी कुछ  लड़के पीछे से उसको कमेंट पास कर रहे थे। जब हद से ऊपर हो गया ,तो लड़की ने पलट कर देखा। पीछे  चार लड़के थे ,जो कमेंट कर रहे थे। उसमें से एक लड़के ने उस लड़की को देखकर अपनी नजरें  झुका ली।  उस लड़की ने लड़के के करीब जाकर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया ,और बोली तू भी !  ये लड़का और कोई नहीं उस लड़की का भाई था ,जिसको उसने  सुबह राखी बांधी थी ,जो अभी भी उसके हाथों में बंधी थी। 

सच में इन लड़कों को ये बातें समझ में क्यों नहीं आती हैं कि उनकी घरों में भी बहनें है, जो ये कभी नहीं चाहतीं कि मेरे भाई को कोई लड़की इस तरह की गलत हरकत करने पर थप्पड़ मारे। क्या  भाई सिर्फ खून के रिश्तों से ही बनते हैं  ? लड़कियों का सम्मान हर लड़कों को करना चाहिए।क्योंकि हर लड़की किसी ना किसी भाई की बहन होती है। 

Image-Google

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