दादी से सौम्या की परेशानी देखी न गई और उन्होंने सौम्या को अपने पास बुलाया और अपनी गोद में सौम्या का सर रखा। सौम्या ने अपनी परेशानी दादी से कह दी। उसने बताया कि उसने दसवीं व बारहवीं कक्षा तो बहुत ही अच्छे नम्बर से पास कर लिया पर बी.ए. फस्ट ईयर की परीक्षा में उसे फेल होने का डर लग रहा हैै। उसने कहा कि अगर वह फेल हो गई तो वह अपनी जान दे देगी और ऐसा कहकर वह रोने लगी। दादी माँ ने उसे ऐसे परेशान कभी नहीं देखा था।
उन्होंने एक दम से कहा,‘‘तो फिर बेटा परिणाम का इन्तजार क्यूँ ? अभी दे दो अपनी जान, खतम कर दो अपनी जिन्दगी। अगर तुम्हें अपने परिणाम पर भरोसा नहीं है तो इन्तजार किस बात का ? पर क्या तुमने कभी सोचा है